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ARE YOU KNOW REAL HERO – MANTOO KUMAR

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रीयल लाइफ के ‘बजरंगी भाईजान’ से बातचीत सुन सकेंगे रेडियो जंक्शन पर लेकिन जानते हैं उनके बारे में भी।

सलमान खान अभिनेता फिल्म बजरंगी भाईजान ने बॉलीवुड में खूब-धूम मचाई थी, जिसमें नायक छोटी सी मुन्नी को उसके परिजन तक पहुंचाता है। कुछ ऐसा ही नेक काम रियल लाइफ में कर रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता सह चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार वह पिछले लगभग 3 वर्षों में 200 से अधिक लापता बच्चों को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं।कोरोना काल में भी अपने माता-पिता से बिछड़ गए बच्चों की सहायता करने में जुटे रहे मन्टू कुमार, उन्होंने ने अब तक 8 से अधिक राज्यों और नेपाल देशों में परिजनों से बिछड़े बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों को उनके घर तक पहुंचाया है।

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य ने विगत 3 साल के कार्यकाल में बाल गृह में कई-कई वर्षों से आवासित बालक और बालिकाओं को उनके घर का पता लगाकर परिवार वालों को सौंप दिया दो अनाथ बालक जिनके घर का पता नहीं चल सका उसे होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स के लिए बेंगलुरु भेजा गया। एक अनाथ बालक आलोक कुमार कोर्स पूरा कर 20000 के पगार पर नौकरी कर रहा है। दूसरा बालक को परिवारिक माहौल और अच्छे स्कूलों में पढ़ाई लिखाई के लिए चिल्ड्रन विलेज, बेगूसराय भेजा गया है बाल कल्याण समिति के सदस्य मन्टू कुमार जब 2020 में कार्यभार संभाला उसके बाद से ही बाल हित में कई अहम फैसले लिए बाल गृह, मधुबनी में आवासित कई बालक बरसों से भरा हुआ था। तब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से कई वर्षों से बाल गृह में आवासित बालिक-बालिकाओं को परिवार से मिलवाया जिसमें ‘पहला मामला नेपाल के सुनसरी जिला से भटकी बालिका को 6 वर्षों के बाद मधुबनी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्य मन्टू कुमार ने नेपाल के अधिकारियों के समक्ष माता-पिता को सौंपा।

‘दुसरा मामला  मधुबनी जिले के मधुबनी जिले कि झंझारपुर थाना क्षेत्र के इमादपट्टी गांव की 11 वर्षीय बालिका को 25 माह बाद अपने परिजनों से मिली. परिजन से बिछड़ कर भटक गई थी। उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से अपने परिजनों से मिलाया गया।

‘तीसरा मामला

नेपाल के सिरहा जिले से भटक कर भारत आये हुए बालक को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार के अथक प्रयास के बाद 1 वर्षों के बाद माता-पिता को कागजी कार्यवाही के बाद सुपुर्द किया गया।

‘ चौथा मामला

ललितपुर, उत्तर प्रदेश से भटकी बालिका को 2 वर्षों के बाद मधुबनी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से माता पिता को खोज कर भेजा गया।

‘ पांचवें मामला

सोनीपथ, हरियाणा से भटकी बालिका को 2 वर्षों के बाद मधुबनी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से माता पिता को खोज कर भेजा गया।

‘ छठा मामला

नेपाल के जनकपुर से भटकी बालिका को 1 वर्ष के बाद मधुबनी चल फिर फिर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार ने छोड़ा-छोड़ी संस्था की मदद से माता-पिता को सुपुर्द किया।

‘ सातवां मामला

5 साल पहले 10 साल की बच्ची को एक घर में कामकाज के लिए बेच दिया गया था। उस बच्ची से घर में बंद रख कर काम कराया जाता था। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से बालिका का रेस्क्यू करा कर घर खोज कर उसके परिवार को सौंप दिया गया।

‘ नौवां मामला

झंझारपुर पुलिस को  लावारिस हालात में मिली एक बालिका की मानसिक स्थिति खराब थी। पूछताछ में अपना पुरा पता ठीक से नहीं बता पा रही थी। लगभग एक वर्ष तक इलाज के बाद सिर्फ छत्तीसगढ़ बता पा रही थी। समिति के सदस्य मन्टू कुमार के अथक प्रयास से से आखिरकार बालिका का घर खोज कर निकाला  गया।

‘ दसवां मामला

माता पिता से किसी बात पर नाराज़ होकर 1 साल पहले 12 साल की बालिका घर छोड़कर नेपाल से भारत भाग आयी थी। बहुत कोशिश के बाद पता चला कि नेपाल के सिरहा जिले की रहने वाली है। तब चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्य मन्टू कुमार प्रयास और कागजी प्रक्रिया के बाद माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया।

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य मन्टू कुमार के प्रयास से बाल गृह में 2019 से आवासित मूकबधिर बालक मो. दिलकाश और सुमित कुमार के परिवार को खोजा गया और 3 वर्षों बाद परिवार वालों को उनके बालक को सौंपा गया वर्षों पूर्व अपने खोए लाडले को पाकर परिवार वाले काफी खुश नजर आए विशेष बालक 2018 से बालगृह में रह रहा था जो छत्तीसगढ़ से भटक कर आ गया था इम्तियाज के परिवार को खोज कर 4 वर्षों बाद सुपुर्द किया गया।

मन्टू कुमार को उनके इस नेक और सामाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति अवार्ड, भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, संयुक्त राष्ट्र के द्वारा समर्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से कर्मवीर चक्र अवार्ड, बिहार सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के द्वारा समाज सेवा में राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित, राष्ट्रीय गौरव सम्मान, 2021 में बीपीएससी की प्रतियोगिता पुस्तक में भी उन पर सवाल है जो उनके लिए बड़ी उपलब्धि थी। पिछले साल नेपाल सरकार के लुंबिनी प्रदेश की माननीय आर्थिक मामले एवं सहकारिता मंत्री सुषमा यादव के द्वारा अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान और साल 2020 नेपाल के गवर्नर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान और देश भर के 200 गांव को अंधविश्वास मुक्त करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 2022 में आपदा फ़रिश्ता सम्मान,  से सम्मानित किए जा चुके हैं। इससे पहले दैनिक भास्कर, हिन्दूस्तान, दैनिक जागरण, जन अखबार, प्रभात खबर, आज हिंदी  सहित भारतीय समाचार चैनलों, न्यूज पोर्टल तथा अंतरराष्ट्रीय मीडिया सहित कई उल्लेखनीय व्यक्तित्वों ने उनके नेक कार्यों व सराहनीय प्रयासों को मान्यता दी है। वहीं भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मन्टू को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की शुभकामना दी थी। मन्टू ने बताया कि युवा देश के भविष्य हैं उन्हें सामाजिक सरोकार से जुड़े गतिविधियों में रुचि रखना चाहिए इस क्षेत्र में भी काम करने में सामाजिक प्रतिष्ठा व शोहरत मिल सकती है इसका उदाहरण बचपन बचाओ आंदोलन के कैलाश सत्यार्थी व पाकिस्तान के बच्ची युसूफ मलाला जाई है, समाज के सभी लोगों ने उनके प्रयास और समर्पण भाव की सराहना की है।

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