दीपावली पर विशेष गीत- रहा है दीप
जल रहा है दीप हरने को अँधेराआप भी कह लो मगर ये सच कहाँ है।राख होती वर्तिका का मौन तप हैहै वहीं पर रोशनी जलती जहाँ है।******************************दीपकों…
जल रहा है दीप हरने को अँधेराआप भी कह लो मगर ये सच कहाँ है।राख होती वर्तिका का मौन तप हैहै वहीं पर रोशनी जलती जहाँ है।******************************दीपकों…
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