वरूण जी ठहरे पड़े हैं इन्द्रलोक जाके
पड़ने लगा यहाँ अकाल मेरे देश में !!
सूरज का ताप सह जाता नहीं है धरा पे
सारे जीव जन्तु भी हैं अत्यधिक क्लेश में !!
कुऐं नदी ताल संग सूखने लगे हैं प्राण
अब तो बचालो जान देवता के वेश में !!
धान वाली नर्सरी बेजान हो रही है प्रभु
पानी बरसा दो शीघ्र उत्तर प्रदेश में !!
संदीप शरारती रायबरेली उत्तर प्रदेश
मो: 9140048758
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