मैं बाल मजदूर हूँ – देवेश द्विवेदी
बाल मजदूरविवश होकर लुटा बचपनहो गया जवान उम्र से पहले हीदेख न पाया रास्ता विद्यालय कासुन न सका शिक्षा की बातें गुरु कीयदि करता मैं पढ़ने का विचारतो कौन जुटाता…
साहित्यिक विधाओं, बोलियों में गद्य व पद्य लेखन व भारतीय संस्कृति से जुड़े लेख
बाल मजदूरविवश होकर लुटा बचपनहो गया जवान उम्र से पहले हीदेख न पाया रास्ता विद्यालय कासुन न सका शिक्षा की बातें गुरु कीयदि करता मैं पढ़ने का विचारतो कौन जुटाता…
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