भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा – भारत-वियतनाम के संबंधों का जीवंत प्रतीक
नई दिल्ली | 02 जून 2025
भारत और वियतनाम के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्तों की एक नई मिसाल उस समय देखने को मिली, जब भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की वियतनाम में आयोजित विशेष प्रदर्शनी में अब तक 1.4 करोड़ (14 मिलियन) श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटना की जानकारी भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा की।
✦ एक आस्था, जो सीमाओं से परे है
डॉ. जयशंकर ने इसे “भारत-वियतनाम की साझा विरासत और ऐतिहासिक जुड़ाव का जीवंत प्रतीक” बताया। उन्होंने लिखा—
“14 मिलियन श्रद्धालुओं ने इन पवित्र अवशेषों के प्रति सम्मान प्रकट किया और प्रार्थना की। यह दोनों देशों के बीच साझा विरासत और ऐतिहासिक जुड़ाव को और भी प्रगाढ़ बनाता है।”
✦ अवशेषों का महत्व
ये पवित्र अवशेष भगवान बुद्ध के शरीर के वे अंग हैं जिन्हें उनकी मृत्यु के पश्चात उनके अनुयायियों ने संरक्षित किया। भारत ने इन्हें विशेष रूप से वियतनाम को धार्मिक सद्भाव, सांस्कृतिक संवाद और वैश्विक बौद्ध परंपरा को सम्मान देने के उद्देश्य से प्रदर्शनी के लिए सौंपा है।
इन अवशेषों को वियतनाम के विभिन्न प्रमुख बौद्ध स्थलों पर प्रदर्शित किया गया है, जहाँ स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं और आम श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा से प्रार्थनाएं अर्पित कीं।
✦ भारत-वियतनाम: एक आध्यात्मिक सेतु
भारत और वियतनाम के संबंध केवल राजनयिक या राजनीतिक स्तर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये धर्म, संस्कृति और इतिहास से गहराई से जुड़े हुए हैं। वियतनाम में बौद्ध धर्म का प्रभाव बहुत गहरा है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति लोगों की आस्था आज भी उतनी ही सशक्त है।
✦ वैश्विक स्तर पर बौद्ध संस्कृति का विस्तार
भारत सरकार की इस पहल का उद्देश्य केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह बौद्ध दर्शन को वैश्विक स्तर पर साझा करने और लोगों को जोड़ने की एक शांतिपूर्ण कोशिश भी है। यह प्रदर्शनी न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि पूरे विश्व में बौद्ध परंपराओं और भारत की सांस्कृतिक भूमिका को रेखांकित करती है।
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Source: एक्स (X) – @DrSJaishankar
✍️ संपादन: रेडियो जंक्शन न्यूज़ डेस्क
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