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एक बूँद जीवन: विश्व थैलेसीमिया दिवस पर आपकी आवाज़ — शालिनी सिंह

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एक बूँद जीवन: विश्व थैलेसीमिया दिवस पर आपकी आवाज़ — शालिनी सिंह

नमस्कार दोस्तों,

मैं हूँ शालिनी सिंह — आपकी अपनी आवाज़, जो हर बार रेडियो के जरिये दिल से दिल तक पहुँचने की कोशिश करती है।

लेकिन आज… आज ये आवाज़ थोड़ी भारी है। शायद इसलिए क्योंकि मैं किसी गाने की नहीं, बल्कि जिंदगी की बात कर रही हूँ।

आज 8 मई है – विश्व थैलेसीमिया दिवस।

और आज मैं आपसे किसी फिल्म, गीत या कहानी की बात नहीं करने वाली…

आज मैं आपसे आरव ,कान्हा,सचिन,प्रियम्वद जैसे तमाम पीड़ित बच्चों की बात करने वाली हूँ… उस बच्चे की जो हर 15 दिन में ब्लड बैंक की कतार में होता है, अपनी जिंदगी की डोर थामे हुए।

थैलेसीमिया – समझें, जानें और कुछ करें

थैलेसीमिया कोई वायरल बुखार नहीं है, न ही कोई टेढ़ा नाम मात्र की बीमारी।

ये वो रक्त विकार है, जो बच्चा अपने माता-पिता से विरासत में लेकर आता है — बिना किसी गलती के।

थैलेसीमिया मेजर से ग्रसित बच्चों को हर कुछ हफ्ते में खून चढ़ाना पड़ता है।

हर बार एक नई सुई, हर बार एक नया इंतजार… और हर बार वही सवाल —

“क्या आज खून मिल जाएगा?”

भारत की तस्वीर – आँकड़े जो चुपचाप चौंकाते हैं

भारत में 4 करोड़ लोग थैलेसीमिया के वाहक हैं।

हर साल लगभग 10,000 से अधिक बच्चे थैलेसीमिया मेजर के साथ जन्म लेते हैं।

6 महीने से पहले पता तक नहीं चलता कि बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है।

कई बच्चों की जान सिर्फ इसलिए जाती है क्योंकि समय पर रक्त नहीं मिल पाता।

 

क्या आप जानते हैं?

इस बीमारी का इलाज — हम आप में से ही कोई हो सकता है, जो ब्लड डोनेट कर दे।

क्या हम थैलेसीमिया को रोक सकते हैं? बिल्कुल।

1. ब्लड डोनेशन: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए यह जीवनदायिनी है।

2. थैलेसीमिया माइनर टेस्ट: विवाह से पहले अगर दोनों पार्टनर यह टेस्ट करवा लें, तो थैलेसीमिया मेजर संतान होने से बचाया जा सकता है।

3. जागरूकता: जितना ज्यादा लोग समझेंगे, उतना बेहतर होगा भविष्य।

थोड़ी सरकारी मदद – थकती साँसों को सहारा देती व्यवस्था

सरकार की कुछ पहलें इस दिशा में उम्मीद देती हैं:

आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY):

थैलेसीमिया के लिए 5 लाख तक की मदद मिलती है।

राज्य सरकारें:

कुछ राज्य जैसे राजस्थान, पंजाब, गुजरात थैलेसीमिया बच्चों के लिए मुफ्त दवा, खून और मासिक भत्ते की सुविधा देते हैं।

महत्वपूर्ण पोर्टल्स:

www.eraktkosh.in

www.nhp.gov.in

www.thalassemiaindia.org

सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण पोर्टल और सेवाएं शुरू की गई हैं, जो थैलेसीमिया के इलाज, जाँच और रक्त की उपलब्धता को सरल और पारदर्शी बनाती हैं:

eRaktKosh पोर्टल: रक्तदान और नजदीकी ब्लड बैंक की जानकारी के लिए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल: थैलेसीमिया की जानकारी के लिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट: सरकारी योजनाओं और सहायता के लिए।

इंडियन रेड क्रॉस: रक्तदान शिविर और आपातकालीन रक्त आपूर्ति में सहायक।

थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन: वैश्विक जानकारी और शोध कार्य के लिए।

अस्पताल जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं (संक्षेप में)

AIIMS (नई दिल्ली, भोपाल, रायपुर)

PGIMER चंडीगढ़

CMC वेल्लोर

Red Cross Blood Bank केंद्र

अपोलो, फोर्टिस जैसी निजी हॉस्पिटल्स (CSR सपोर्ट के तहत)

पर असली इलाज? वो आप हैं।

आप, जो अभी मेरी ये बात पढ़ रहे हैं।

आप, जिनकी नसों में ताज़ा खून बह रहा है।

आप, जो सोचते हैं कि “मैं अकेला क्या कर सकता हूँ?”

आप अकेले नहीं हैं।

आपका एक यूनिट रक्त… किसी के लिए एक और जन्मदिन, एक और परीक्षा, एक और सुबह का ज़रिया बन सकता है।

थैलेसीमिया से लड़ने के 5 आसान कदम

1. रक्तदान करें – साल में कम से कम दो बार।

2. Carrier Screening करवाएँ – शादी से पहले, बच्चों की प्लानिंग से पहले।

3. युवाओं को जागरूक करें – स्कूलों, कॉलेजों में अभियान चलाएँ।

4. ब्लड बैंक की जानकारी अपने मोबाइल में रखें – eraktkosh.in

5. थैलेसीमिया मरीजों और उनके परिजनों से बात करें – समझें उनका संघर्ष।

मेरी अपील – आपकी एक बूँद से उनकी साँस बचेगी

मैं शालिनी सिंह, इस मंच से आज आपसे विनती करती हूँ —

रक्तदान करें। क्योंकि रक्त कहीं बनता नहीं।

कोई लैब, कोई फैक्ट्री, कोई सरकार खून नहीं बना सकती।

खून सिर्फ एक इंसान ही दूसरे को दे सकता है –

और जब हम ये देते हैं, तो हम इंसान से देवता बन जाते हैं।

कुछ पंक्तियाँ, जो दिल से निकलीं और दिलों तक पहुँचें:

“जैसे नदी बिन पानी नहीं चलती,

वैसे जिंदगी बिन रक्त ठहर जाती है।

आइए, हम चलें वो रास्ता,

जिससे किसी की साँसें लौट आएं।”

अंत में – चलिए एक वादा करते हैं

आज, अभी, इस पल एक संकल्प लें —

साल में दो बार रक्तदान का।

एक बार थैलेसीमिया माइनर जांच का।

और हमेशा हर ज़रूरतमंद की मदद का।

आपका यह छोटा कदम, किसी के लिए पूरी जिंदगी बन सकता है।

आपकी अपनी,

शालिनी सिंह

रेडियो जंक्शन, आपकी सच्ची साथी

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Shalini Singh

RJ Shalini Singh is a renowned radio jockey, voice artist, and the Director of Radio Junction. Based in Lucknow, she is known for bringing literature, music, and meaningful conversations to life through her voice, making her a respected name in the world of radio.