रचनाकार :- रूपेश कुमार
*वो पागल सी एक लडकी
मुझसे ज्यादा समझदार हैं,
बच्चो सी हरकतें उसकी,
बातों से गुलजार हैं।
आंखे उदास हैं जरा सी,
मुसकुराने का कारोबार हैं
कद से भले हो छोटी,
आवाज़ कुतुबमीनार हैं।
प्यार से कानो में कहूं तो
झूठ सुनने को तैयार हैं,
लडकर जो समझाऊं तो
मेरा सच भी बेकार है।
“आज से कुछ नहीं कहूंगी”
बोलना बार -म -बार हैं,
उसके चेहरे से आशिकी नही,
पागलपन से प्यार हैं।
काफी करीब से लिखा मैने,
ये बेहतरीन किरदार हैं
वो किसी का हिस्सा नहीं,
मेरी कहानी का सार हैं।
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