विश्व होम्योपैथी दिवस पर विशेष लेख
लेखिका: शालिनी सिंह, रेडियो जंक्शन
10 अप्रैल — वह तारीख जो संवेदना, विज्ञान और सेवा को जोड़ती हैहर साल 10 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व होम्योपैथी दिवस (World Homeopathy Day) मनाया जाता है — एक ऐसा दिन जो संवेदना, विज्ञान और सेवा को जोड़ता है।
हर साल 10 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। यह दिन उस चिकित्सा प्रणाली को समर्पित है, जो न केवल बीमारियों का इलाज करती है, बल्कि मरीज की समग्र स्थिति को समझकर उसका ध्यान रखती है — भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक स्तर पर।
यह दिन होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुएल हैनीमैन की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने 1796 में इस चिकित्सा पद्धति की नींव रखी थी। आज, दो शताब्दियों से अधिक समय बाद, होम्योपैथी भारत सहित दुनिया के कई देशों में लाखों लोगों की पहली पसंद बन चुकी है।

क्या है होम्योपैथी?
होम्योपैथी का मूल सिद्धांत है — “Similia Similibus Curentur” यानी “Like cures like”। इसका अर्थ है कि जो पदार्थ किसी स्वस्थ व्यक्ति में रोग के लक्षण उत्पन्न कर सकता है, वही पदार्थ रोगी को सूक्ष्म मात्रा में देने पर वही लक्षण दूर कर सकता है।
इसमें औषधियाँ प्राकृतिक तत्वों (पौधे, खनिज, आदि) से बनाई जाती हैं और इन्हें अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में दिया जाता है। यह पद्धति शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय कर, उसे स्वयं ही उपचार के लिए प्रेरित करती है।
क्यों चुने होम्योपैथी? — इसके फायदे
- कोई दुष्प्रभाव नहीं: दवाएँ इतनी सूक्ष्म होती हैं कि शरीर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं डालतीं।
- हर उम्र के लिए सुरक्षित: बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए अनुकूल।
- लंबे समय तक असर: लक्षणों को दबाने के बजाय जड़ से उपचार।
- आसान सेवन: मीठी गोलियाँ, जो बच्चों को भी बिना झिझक दी जा सकती हैं।
- मानसिक रोगों में सहायक: अवसाद, चिंता, अनिद्रा जैसे रोगों में भी कारगर।
इन खूबियों के कारण आज विश्व होम्योपैथी दिवस पर हम यह कह सकते हैं कि यह चिकित्सा प्रणाली केवल इलाज नहीं, एक जीवनशैली बनती जा रही है।

किन रोगों में है असरदार?
- माइग्रेन और सिरदर्द
- त्वचा संबंधी रोग (एक्जिमा, सोरायसिस)
- श्वसन रोग (अस्थमा, एलर्जी)
- पाचन संबंधी परेशानियाँ
- थायरॉइड, मधुमेह की शुरुआती अवस्था
- महिलाओं के हार्मोनल असंतुलन
- बच्चों की बार-बार होने वाली बीमारियाँ
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ
सरकारी प्रयास: आमजन तक पहुँचती होम्योपैथी
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा देशभर में होम्योपैथिक डिस्पेंसरियाँ और अस्पताल स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में इनका विशेष प्रभाव देखने को मिला है, जहाँ लोग अब सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सेवाओं का लाभ ले पा रहे हैं।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान (NIH) और होम्योपैथी परिषद जैसे निकायों के माध्यम से इस पद्धति पर शोध और जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है।
डिजिटल युग में चिकित्सा: eSanjeevani सेवा
तकनीक ने इलाज की परिभाषा ही बदल दी है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई eSanjeevani सेवा आज देश के कोने-कोने तक ऑनलाइन स्वास्थ्य सुविधा पहुँचा रही है — बिल्कुल नि:शुल्क।
क्या है eSanjeevani?
यह एक टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जहाँ लोग घर बैठे डॉक्टर से वीडियो कॉल के माध्यम से परामर्श ले सकते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
- डॉक्टर से आमने-सामने बातचीत
- डिजिटल पर्ची और परामर्श रिपोर्ट
- सभी विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर
- होम्योपैथी और आयुष विशेषज्ञ भी उपलब्ध
- मोबाइल और वेब पर आसानी से उपयोगी
- वेबसाइट: www.esanjeevani.in
किसे मिलेगा लाभ?
- ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी
- बुजुर्ग और महिलाएँ
- दिव्यांगजन
- दूरदराज़ के श्रमिक वर्ग
नई सोच, नया नज़रिया: नई उड़ान
हम जब कहते हैं “नई उड़ान”, तो वह केवल स्वास्थ्य की नहीं, विश्वास की उड़ान है। जब एक आम इंसान को सहज, सुलभ और सम्मानजनक इलाज मिले — वह भी अपने घर में बैठकर — तो वह एक क्रांति होती है।
होम्योपैथी जैसी वैज्ञानिक और संवेदनशील प्रणाली, और eSanjeevani जैसी डिजिटल पहल मिलकर स्वास्थ्य की दुनिया को बदल रही हैं।
- उम्मीदों की दवा होम्योपैथी
बीमारियाँ आती हैं, पर डर की तरह नहीं
इलाज अगर होम्योपैथी से हो, तो जीवन मुस्कुराता है।